Friday 31 July 2015

भाभी के साथ पहली बार

 मैं राहुल हूँ मेरी ये पहली कहानी हैं आशा करता हु आपको पसन्द आएगी औरो की तरह मुझे भी सेक्स पसन्द है मैं शादीशुदा औरतो को पसन्द करता हु. मेरे पड़ोस में भी एक भाभी रहती है सुमन नाम है उनका उफ्फ्फ क्या मस्त बदन है मैं तो बस उनको देखने के लिए पागल रहता हु मोटी चुचिया चूतड़ चेहरा भी इतना आकर्षक की देखा भी ना जाये. जब भी हम सब लड़के खेलते तो वो घर से बाहर आती थी काम करने पानी लाने तो सब देखते थे मेरा मन जलता था.
ऐसे ही दिन चलते गए कभी कभी उनके घर भी जाना होता था तो मैं बहुत ख़ुशी से जाता भाभी भी मुझसे मजाक कर लिया करती.
मैं तो बस उनके बदन को देखता रहता था भैया तो बाहर ही रहते थे घर से घर पे उनकी सास ससुर और भाभी ही थी. भाभी को फिल्मो का शौक था एक बार उन्होंने मुझसे मूवी के लिए कहा तो मैंने सीडी लाके दी डीवीडी प्लेयर था उनके पास. मैं दिन में गया घर पे जब अंदर गया तो कोई दिखाई नही दे रहा था. मैंने आवाज़ लगाई पर कोई जवाब नही मिला तब मैं भाभी के कमरे में गया. बिस्तर पे उनकी काली ब्रा पेंटी रखी थी उफ्फ्फ्फ़ मैं खुश हो गया पर डर भी लग रहा था. मैंने देखा भाभी को की कहा है तो नजदीक बाथरूम से पानी की आवाज़ आ रही थी इसका मतलब भाभी नहा रही थी. मैं तो पूरा कॉप गया मैंने पेंटी को उठाया और सूंघने लगा भाभी ने ब्रा पेंटी पहनने के लिए रखी थी क्या मुलायम थी. मैंने अपना लोअर नीचे किया और लण्ड से पेंटी को रगड़ने लगा. बहुत मज़ा आ रहा था.

अचानक लगा की भाभी आने वाली है तो मैं जल्दी से मुठ मारने लगा. मैं बहुत गरम हो गया था और इधर मेरा रस निकला और उधर से भाभी कमरे में आ गयी. मैंने जल्दी से लोअर पहना पर भाभी ने सब देख लिया.

मैं बहुत डर गया था पेंटी मेरे हाथ में ही थी रस से भीगी हुई.

भाभी बोली ये क्या कर रहे हो तुम राहुल? मैंने तुम्हे ऐसा तो नही समझा था.

भाभी मेरे पास आई मैंने भाभी को देखा. क्या लग रही थी टावल में थी गोरी गोरी बाहे अपनी पेंटी को उन्होंने लिया और एक और फेक दिया बोली तुम बहुत बदमाश हो राहुल.

मेरे मुह से कुछ भी नही निकल रहा था. मैं बस भाभी को देखे जा रहा था.

मैं जानती हु तुमने मेरी बहुत सी पेंटिया ख़राब की है तुम मुझे प्यासी नज़रो से देखते हो बोलो.

मैं: भाभी प्लीज् सॉरी गलती हो गयी मैं अब कभी नही करूँगा ऐसा मुझे माफ़ कर दो मुझे आप बहुत अच्छी लगती हो इसलिए ये सब हो गया.

भाभी: हम्म कोई बात नही ऐसा इस उम्र में होता ही है.

मेरा डर कम हो गया. भाभी ने मुझे बैठने को कहा मैं बिस्तर पर बैठ गया. भाभी ने अलमारी से अपनी न्यू पेंटी निकाली मैं चोरी चोरी भाभी को देख रहा था.

भाभी बोली मेरे प्यारे देवर फ़िल्म लाये या नही हम्म या फिर मेरी पेंटी ही याद रहती है आपको.

मुझे अच्छा भी लग रहा था मेरा लण्ड खड़ा हो गया था.

हा भाभी लाया हु.

भाभी: तो फिर प्ले करो ना.

मैंने डीवीडी में मूवी प्ले की भाभी ने तब तक अपने कपडे पहन लिए थे. फ़िल्मथोड़ी सेक्सी थी भाभी बहुत मज़े से देख रही थी भाभी मेरे पास आके बैठ गयी. भाभी के चूतड़ और चुचिया बिलकुल मुझसे छू रहे थे मुझे भी मज़ा आ रहा था. जी कर रहा था की अभी नंगी करके भाभी को चोद दू. मेरा लण्ड खड़ा था मुझे तकलीफ हो रही थी. भाभी ने ये जान लिया था उन्होंने मुझे तंग करने की सोचा और मुझसे पानी लाने को कहा. मै उठा और किचन में गया मेरा लण्ड सीधा खड़ा था लोअर में साफ़ नज़र आ रहा था. मैं पानी लेके गया भाभी मेरे लण्ड को ही देख रही थी. मैंने पानी भाभी को दिया. भाभी ने पानी पी लिया मैं भाभी के पास बैठ गया. भाभी हिल रही थी बार बार उनकी चुचिया उफ्फ्फ्फ़ बड़ा सकून दे रही थी मुझे. मुझसे अब रहा नही गया और मैंने भाभी को पकड़ के भाभी को चूम लिया और उनका नरम गरम गोरा बदन अपनी बाहो में ले लिया.

भाभी बोली अरे ये क्या कर रहे हो छोडो मुझे.

उफ्फ्फ्फ़ भाभी अब नही रहा जाता चाहे तो जान ले लेना बस एक बार चुदवा लो मैं बोला.

भाभी नखरे करने लगी पर मैं अब कहा मान जाता मैंने भाभी की सलवार खोल दी और बुरी तरह से उन्हें जगह जगह चूमने लगा मैं भाभी आप बहुत मस्त हो बहुत दिनों से आपको चोदने की सोच रहा था उफ्फ्फ्फ़ भाभी नंगी हो जाओ मैं आपकी चूत गांड दोनों को चोदना चाहता हु मैं जोश में बोले जा रहा था मैंने भाभी की ब्रा भी निकाल दी.

एक दफा तो मैं चुचियो को देखता ही रह गया कितनी गोरी मुलायम बड़ी बड़ी थी फिर ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. मैंने भाभी को नंगी कर दिया और मैंने अपने भी कपडे निकाल फेके. में जल्दी से भाभी से चिपक गया ये मेरा पहला एहसास रहा किसी औरत के साथ बहुत मज़ा आ रहा था. मैं भाभी को चूमे जा रहा था सब जगह से उनके बड़े बड़े चूतडो को भी खूब दबा रहा था और गांड के छेद को भी सहला रहा था. भाभी सिसकिया ले रही थी.

मैंने भाभी के हाथ में लण्ड दिया और वो सहलाने लगी. भाभी का नरम हाथ बहुत अच्छा लग रहा था. मैं तो पागलो की तरह बस भाभी को चूमे चाटे जा रहा था. मुझे तो भाभी के चूतडो ने दीवाना बना रखा था. मैंने भाभी के चूतडो को खूब सहलाया चूमा और गुलाबी छेद को भी जीभ से चाटा बहुत देर तक. मैं ऐसे ही भाभी को सहलाता चूमता रहा भाभी के पुरे बदन में मैंने अपने होठो को रखा.

भाभी बोली अब बस भी करो देवर जी तुमने अपनी भाभी के खूब मज़े ले लिए अब मेरी योनि को भी मस्त कर दो.

मैं: अभी लो मेरी रानी.

और फिर मैंने भाभी की चूत को चाटना शुरू किया. एक भी बाल नही था चूत पर मुझे बहुत मज़ा आया अब भाभी को चोदने की बारी आ गयी थी. अपना लण्ड मैंने चूत पर रखा और जोर धका मारा भाभी की चूत थोडी टाइट थी.

भाभी: आःह थोडा आराम से करो .

फिर मैंने धीरे धीरे से लण्ड को हिलाना शुरू किया बहुत मज़ा आ रहा था. मस्त चुदाई हो रही थी.

भाभी: आप बहुत मस्त हो जी करता है आपको दिन रात नंगी ही अपने से चिपका के रखु आःह्ब उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़.

मैं भाभी को चोदे जा रहा था. मैं कुछ देर में ही झड़ गया. भाभी भी वासना के कारन झड़ गयी थी.

मुझे अब थोडा आराम मिला मैं भाभी के पास लेट गया चिपक के और भाभी की चुचिया दबाने लगा अचानक ताई आ गयी तो हमने जल्दी से कपडे पहने और नार्मल हो गए मैंने ताई जी को नमस्ते किया और अपने घर आ गया.

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