Saturday 16 May 2015

चूत के बाद आंटी की गांड में डंडा दिया

आंटी की चूत को मारने के बाद उमेश बैठा चाय के आने का इंतजार कर रहा था. आंटी ने उसे कहा था की वो उसकी गांड भी मरवाना चाहती थी. उमेश चाय का और आंटी की गांड का इंतजार कर रहा था. 5 मिनिट के बाद आंटी नंगी ही चाय की ट्रे ले के हाजिर हुई. मोना आंटी वही बैठ गई निचे उमेश के पास और उसने चाय का प्याला आगे किया. उमेश अपने मुहं में चाय के घूंट भर के ऊपर से बिस्किट पे टुकड़े खाने लगा. चाय पीते हुए उसकी नजर आंटी के सेक्सी चुंचो पे पड़ी और उसका लंड धीरे धीरे फिर से खड़ा होने लगा. मोना आंटी ने देखा की लौड़े में जान आ रही थी. उमेश ने फट से चाय ख़तम की और प्याली को साइड में रख दिया.

आप अप कुतिया बनिए

उमेश: आंटी आज आप कुत्ता बनेंगी मेरे लिए प्लीज़. मैं भी देखना चाहता हूँ की ऐसा करने में क्या मजा आता हैं.

मोना आंटी: हट बेन्चोद तू मुझे कुतिया बनाएंगा क्या…!

उमेश अपना मुहं लटका के बैठ गया और उसकी सीधी असर उसके लंड पे भी दिख रही थी. अभी थोड़ी देर पहले आंटी की गांड मारने के ख़याल से जो लंड तन के टाईट हुआ पड़ा था वो थोडा स्लांट हो गया था. मोना आंटी भी यह भांप गई और वो बोली, “चल आज तूने पहली बार कहा इसलिए करने दूंगी तुझे. लेकिन अपनी इस आंटी की गांड को सही तरह मारनी पड़ेंगी. फिर ऐसा ना हो की तेरा सब ध्यान कुत्ते बिल्लों में रहे और तू सही ठुकाई ना कर सकें.”

उमेश के मन में अब कुछ लड्डू फूटे थे. मोना आंटी ने उमेश के लंड को अपने हाथ से पकड के सहलाया और वो गिरगिट की तरह खड़ा हो के आंटी के हाथ को गरमी देने लगा. मोना आंटी निचे झुकी और उसने लंड को अपने मुहं में ले लिया. लंड चूसती हुई आंटी को देख के उमेश को और भी उत्तेजना आने लगी थी. उस से अब जरा भी रुका नहीं गया और उसने अपने हाथ से आंटी के सर को अपने लंड पे दबा दिया. आंटी ने उमेश के लंड को गले तक भर लिया और वो उसे आगे पीछे चलाने लगी. उमेश ने आंटी के बालों को अपने हाथ में पकड़ा और उसने वो पट्टा उठाया जो कुछ देर पहले उसके गलें में था.

मोना आंटी के गले में उसने वो पट्टा पहना दिया और उसे पकड़ के वो जैसे उसे कंट्रोल करने लगा.आंटी ने ऊँचे हो के उमेश की और देखा. वो भी समझ गई थी की हमेंशा पट्टा पहनने वाला उमेश आज पट्टे को पहना के बड़ा खुश हुआ हैं. वो वापस निचे झुक गई और उमेश के लौड़े को जोर जोर से चूसने लगी. आंटी की गांड मारने के ख़यालो में डूबे हुए उमेश की उत्तेजना अब और भी बढ़ रही थी. उसे लग रहा था जैसे की बदन की सारी शक्ति उसके लंड में आ गई हैं. उसने आंटी के गले के पट्टे को खिंचा और उसे अपने लंड से थोडा दूर कर दिया. मोना आंटी समझ गई की लंड की चुसाई अब उमेश के काबू के बहार हो चली थी और अब वो ठोकने और चोदने के कार्य में जुड़ना चाहता था.

मोना आंटी अपनी बड़ी गांड को फैला के उलटी लेट गई. पीछे से उमेश ने उसके छेद के ऊपर ढेर सारा थूंक निकाल दिया और वो अपनी ऊँगली से उस थूंक को छेद के ऊपर फैलाने लगा. आंटी की गांड में ऐसा करने से बहुत गुदगुदी होने लगी थी. उमेश खड़ा हुआ और उसने अपने लंड को आंटी की गांड के बजाय उसकी चूत के मुहं पे रख के एक झटका लगा दिया. आंटी को लगा के वो उसकी गांड डौगी स्टाइल में मारेंगा लेकिन यहाँ तो उमेश आंटी को डौगी स्टाइल में चूत के अंदर अपना लंड दे बैठा था. और उसमे उसकी वजह साफ़ थी वो गांड में देने से पहले डौगी स्टाइल में आंटी को चोदना चाहता था. अब गले में कुत्तो वाला पट्टा हैं तो थोड़ी चूत की चुदाई तो यह कुतिया वाली स्टाइल में बनती ही हैं. आंटी के मुहं से आह की आवाज आई और उसकी पहले से चिकनी हुई चूत के अंदर उमेश का लंड गोते लगाने लगा. उमेश अपने हाथ से पट्टे को जोर जोर से खिंच रहा था जैसे की वो घोड़ी के उपर चढ़े हुए उसकी लगाम को खिंच रहा हो. मोना आंटी को भी बड़ा मजा आ रहा था और वो अपनी चौड़ी गांड को जोर जोर से हिलाने लगी थी; हालांकि पट्टे के अंदर की लोहे की जगह उसके गले में चुभ रही थी.

उमेश फच फच की आवाज से आंटी की चूत को चोद रहा था और उसकी ऊँगली उस वक्त आंटी की गांड को और भी उत्तेजित करने में ही लगी हुई थी. मोना आंटी को भी इस दोहरे स्पर्श से बहुत मजा आ रहा था. एक स्पर्श उसकी चूत में लंड से हो रहा था और दूसरी तरफ से उसकी गांड को उमेश अपने हाथो से मजे दे रहा था. मोना आंटी ने और कुछ जम्प लगाई और वो दीवानी की तरह अपनी देसी गांड को जोर जोर से हिलाती रही. उमेश को जो मजे आ रहे थे उसको तो वो ही समझ सकता था; वो गले के पट्टे को और भी जोर से खींच के आंटी को चोदते ही जा रहा था. मोना आंटी की गांड और चूत दोनों गरम और उत्तेजित हो गए थे अब तो. उमेश ने तभी एक और फच की आवाज से अपना लंड आंटी की चूत से बहार निकाल लिया. आंटी समझ गई की अब उसके पीछे के किले के ऊपर हमला होने वाला हैं. उसने एक हाथ से अपनी गांड को पकड के फैलाया और थूंक से लदी हुए छेद का नजारा कराया.

उमेश ने गांड के ऊपर और भी थूंक दिया और फिर उसने पट्टे को निचे रख दिया. फिर उसने अपने एक हाथ से आंटी की गांड को चौड़ा किया जिसमे आंटी भी उसकी मदद कर रही थी. और दुसरे हाथ से उसने अपने लंड को छेद पे सेट किया. आंटी को अपनी गांड के छेद पे उमेश के गरम गरम लंड का स्पर्श होने लगा. उमेश ने एक हलका झटका दिया और अपने लंड के सुपाडे को थूंक से भीगी और चिकनी गांड में घुसेड दिया. मोना आंटी के मुहं से जैसे की आह निकल के दब सी गई; क्यूंकि उमेश ने सुपाडा [पेल के पट्टे को खिंचा था. आंटी के गले पर दबाव आने से उसकी आवाज दब गई थी. उमेश ने अब आंटी की गांड में अपने लंड को और थोडा पेला और वो साथ में पट्टे के ऊपर अपनी ग्रिप बनाये हुए था. मोना आंटी के पिछवाड़े में उमेश का लंड एकदम टाईट बैठा हुआ था. वो हिल भी नहीं सकती थी क्यूंकि उमेश उसे पट्टे से कंट्रोल जो कर रहा था.

आंटी की गांड कूद कूद के मारी

मोना आंटी अब हलके हलके अपने कूल्हों को हिलाने लगी थी. उमेश ने और एकबार थोडा सा थूंक निकाल के आंटी की गांड को और भी चिकना किया. जैसे ही उसने लंड को थोडा बहार निकाल के अंदर वापस डाला आंटी का मुहं आह आह निकालने लगा. उमेश का लंड आंटी को दर्दभरा प्यार कर रहा था. उमेश ने पूरा लंड पीछे पेल दिया था और आंटी की गांड अब धीरे धीरे उस लौड़े से एडजस्ट हो रही थी. मोना आंटी भी अब अपने कूल्हों को उछालने लगी और उमेश अपने लंड को उसकी गांड में अंदर बहार करने लग गया. उमेश अपने लंड को सुपाडे तक बहार लाता था और फिर एक ही झटके में उसे गांड का गोता खिला रहा था. उमेश के माथे से पसीना निकलने लगा था और आंटी भी थकने को थी. उमेश ने अब आंटी के गले के पट्टे को छोड़ के आंटी के बाल पकड लिए. वो अब आंटी के बालों को खिंच के गांड में डंडा दिए हुए था.

उमेश के और आंटी दोनों के मुहं से आह आह ओह ओह की आवाजे निकल रही थी. आंटी की गांड को लंड का सही डोज़ मिल रहा था आज तो. उसे ही अपनी गांड में लंड लेना था इसलिए वो उमेश को तो कुछ कह भी नहीं सकती थी. उमेश ने आंटी को और भी झंझोड़ना चालू रखा और आंटी भी अपनी गांड को अब भले धीरे हिला रही थी लेकिन वो उमेश का साथ दे जरुर रही थी.

तभी उमेश ने अपना लंड फट से आंटी की गांड से बहार निकाला और वो सीधा आंटी के मुहं के पास आ खड़ा हुआ. उसने अपने लंड को हाथ में पकड के मूठ मारनी चालू कर दी. आंटी समझ गई की ललौड़े का लावा निकलने को हैं. उमेश के लंड के सामने ही आंटी ने भी अपना मुहं खोल दिया और वो बेसब्री से मलाई के गिरने का इन्तजार करने लगी. उमेश ने 1 मिनिट जोर जोर से लंड को हिलाया तब मुश्किल से उसके लंड से वीर्य का पानी निकला. आंटी ने मुहं खोला था उसके अंदर ही उमेश ने अपना रस नितार दिया. फिर आंटी ने अपने मुहं से कुछ बुँदे वीर्य ले के अपने चुंचो और निपल्स के ऊपर भी लगा दिया. आंटी की चूत और गांड आज सही तृप्त हुए थे.

उमेश थक चूका था लेकिन वो यहाँ ज्यादा रहने का खतरा मोल नहीं ले सकता था. उसने फट से अपने कपडे पहन लिए और आंटी भी अपने नंगे बदन को ढंकने लगी. उमेश आंटी को बाय कह के निकल गया. उसे आज आंटी की गांड और चूत से एक यादगार सेक्स मिला था जिसके सहारे वो कुछ दिन तो जरुर निकाल सकता था…! 

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