Sunday 10 May 2015

लंड की खुश्बू और खुश्बू का लंड

ये कोई 15 दिन पुरानी बात है, मेरी बहन(वरुणा) ने अपनी सहेलियों के साथ सारनाथ जाने का प्लान बनाया. वह रविवार का दिन था. वरुणा और उसकी 5 सहेलियाँ उसके साथ जाने वाली थी. संयोग से खुशबू उस दिन नहीं आ पाई तो बाकी की 4 और मेरी बहन घूमने चली गई. मैं घर में अकेला था, मेरे लिए मुठ मरने का इससे अच्छा मौका नहीं हों सकता था. मैंने कंप्यूटर में बी.यफ. लगाई और कपड़े उतार नंगा हों गया. बफर की आवाज भी तेज कर दी. सरसों का तेल अपने लंड पर लगाया और शुरू हों गया. ये बी.यफ. रसियन इंस्टिट्यूट लेसन १२ था.. इतने में खुशबू भागते-भागते मेरे घर कब आई. मुझे जरा भी इसका अंदाजा नहीं लगा. मैं मुठ मारने के साथ-साथ डांस भी कर रहा था. नाचते-नाचते मै कमरे का दरवाजा बंद करने को उलटे पाँव गया पर किसी ने मुझे धक्का दे दिया. मैं बुरी तरह चौक गया. और पीछे मुड के देखा तो खुशबू ही थी.

मैंने कुछ नहीं कहा बस अपने लंड को हाथ से छुपा रहा था.

खुशबू , “ नहीं ……. नहीं ……कोई बात नहीं पहले तुम मुठ मार लो हम फिर बात करेंगे”.

मैंने सिर नीचे झुका लिया.

खुशबू , “ वरुणा कहाँ गई”.

“वह पिकनिक पर गई” , मैंने जवाब दिया

खुशबू , “ तभी ये सब हों रहा है”.

बड़ा लंड देख के खुश्बू की चूत पानी देने लगी

वह हल्का सा मुसकुराई और मेरी तरफ धीरे-धीरे बढ़ने लगी. मैं सिर्फ 18 साल का था पर मेरा लंड 7 इंच लंबा और 5 इंच मोटा था. ये रोज-रोज मुठ मरने का असर था. मेरा कद रंग और शरीर सामान्य था. खुशबू की उम्र २२ साल थी. वह शरीर से बहुत गोरी और 36-26-36 के फिगर की थी. पर मैंने उसे चोदने की नजर से कभी नहीं देखा था. हलांकि वह इस मामले में मुहल्ले भर में बदनाम थी.

तुम रुक क्यों गए. कहते हुए वह सोफे पर जा बैठ गई. मैं देखना चाहती हूँ की लड़के कैसे करते है लेकिन अब मेरा लंड खड़ा ही नहीं हों रहा था. वो ये बात समझ गई और एक हाथ से अपना घाघरा उठाया और दूसरे से अपने शर्ट के सभी बटन खोल दिए. उसने कोई चड्ढी नहीं पहनी थी. ऊपर एक पतला से झिल्लीदार ब्रा पहना था जो की किसी काम का नहीं था. क्योंकि उसके चुचे साफ-साफ झलक रहे थे. ये देखते ही मेरा लंड इतना कड़ा और खड़ा हों गया की मैं बर्दाश्त की सीमा से बहार हों गया. मैंने पहले कभी ये सब कभी खुली आँखों से नहीं देखा था. मैं उसकी ओर लपका और अपना मुंह सीधा उसकी चूत में घुसा दिया. खुशबू चीख पड़ी, “अरे !! आराम से… आराम से ….. धीरे-धीरे चाटो…. जीभ को अंदर तक घुसाओ. मैंने उसकी बात का शब्द प्रति शब्द पालन किया. ये किसी स्वर्ग से कम नहीं था. वो आह-आह करके धीरे-धीरे सिसक रही थी. उसने मेरा बाल पकड़ कर ऊपर खींचा तो मैंने देखा की उसने अपनी ब्रा और शर्ट निकाल कर आधी नंगी हों चुकी है खुशबू ने अपना चुचा हल्के से मसलते हुए उसे मुंह में लेने का इशारा किया. मैंने पहले उसके चूचे को हलके से दांतों से काटा, उसके गुलाबी चूचे काफी कड़े ओर उभरे हुए थे. उसने मेरा लंड पकड़ कर अपने हाथों से सहला के धीरे-धीरे मसलने लगी.

मजा आ रहा है उसने पूछा.

मैंने सवाल का जवाब उसका मुंह चाटकर दिया. उसने अपनी जीभ बहार निकली और मुझे किस करने का इशारा किया. मैंने आराम से उसकी जीभ अपने और अपनी उसके मुंह ओठों में घुसा दी. और झटके से उसका घाघरा उतार के उसे पूरा नंगा कर दिया. अब हम दोनों ही पूरे नंगे थे. मैंने उसकी तंग चुद में अपना लंड झटके से डाला और चोदना शुरु कर दिया. उसने बस एक बार आह की चीख निकली. मुझे तब पता चला कितना मजा है. उसकी बूर  थोड़ी नई थी. इसलिए बड़ी मुश्किल से अंदर बाहर जा रहा था. और हलकी सा दर्द भी. पर इस मजा के आगे सारा दर्द कुछ भी नहीं. थोड़ी देर के बाद छेद जरा सा ढीला हों गया. और मैंने जोर-जोर से ठोकना शुरु कर दिया. अब उसे भी मजा आया. और उसके मुंह से एक ही आवाज निकल रही थी. …… हाँ …. चोदो …. चोदो … और जोर  से चोद ….. जोर से …

मैंने कहा … ज्यादा मत चिल्ला वरना आज तेरी चुद यही फाड़ दूँगा.

तो फाड़ दे. यही तो मैं चाहती हूँ. आह-आह की आवाज अब हम दोनों के मुंह से जोर-जोर  निकल रही थी. पर स्पीकर की तेज आवाज के आगे पड़ोसियों को कुछ नहीं सुनाई देना वाला .

इसलिए हमने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. थोड़ी देर बाद उसने मुझे डौगी पोजीसन में चोदने इशारा किया. मैंने कहा …… मुंह से बोल.

खुश्बू ने अपनी हॉट गांड भी मरवाई

गांड मारेगा मेरी …. एकदम नई है. मैंने अपना लंड बाहर निकल लिया और वो डौगी पोजीसन में घूम गई. मैंने खड़े-खड़े पीछे से उसके दोनों चूचे पकड़े. और धीरे-धीरे उसकी गांड में लण्ड घुसाया. उसकी गांड का छेद वाकई में एकदम नया था. बड़ी मुश्किल से मेरा लंड घुसा. उसकी गांड अंदर से भट्टी के कोयले की तरह गरम थी. मेरे लण्ड से भी ज्यादा गर्म. मैंने धक्का-धक् ठाक-ठाक मारा. और हर ठाक के साथ उसके मुंह से सिर्फ एक आवाज निकली ….आह-आह ….मेरे लंड के लिए ये किसी जन्नत से कम नहीं था. लेकिन काफी देर बाद मेरी ऊर्जा खत्म होनी लगी और मै धीरे-धीरे करने लगा. खुशबू ये समझ गई. उसने मुझे हल्का सा धक्का देकर जमीं पर लिटा दिया और 69 पोजीसन हों गई. अब मेरा लंड उसके मुँ में और उसकी बुर मेरे मुंह में. मैंने अपने हाथों से उसके बाल पकड़े और अपने लंड को उसके गले तक पहुंचा दिया. उसका ढेर सारा थूक बाहर निकल रहा था. फिर मैंने कहा ……. इसे कहते है मुंह में लंड लेना. उसने इसी ढंग से मेरा लण्ड चूसना शुरु कर दिया अब मैं आह-आह कर कराह रहा था …… उसने भी अपनी पूरी चुद मेरे मुंह में दे दिया. मैं ढंग से सास भी नहीं ले पा रहा था. फिर अचानक लाइट चली गई और हम चूसते-चाटते पसीने से भीग गए फिर  वो मुड़ी और गुसलखाने( बाथरूम) की और चल दी. उसने सभी 4 सवार खोल दिया और भीगने लगी. अब तो वो और भी कंटास माल लग रही थी. उसने अपना एक पैर और कोमोडो पर रखा और दीवाल से सट गई. अब मेरे अंदर और जोश आ गया और मैंने उसे कुछ भी बोलने का मौका दिए बिना उसके बदन से बदन सटा दिया. अपने ओठ और जीभ उसके ओठ और जीभ में घुसा दिया और मेरा सीना उसके सीने से इतना सटा था की मैं उसकी धड़कन सुन पा रहा था. इस बार मैंने फिर से उसके बूर चोदना शुरु किया और बीच-बीच में उसकी गांड का भी मजा लिया. उसने जोर से मेरे पीठ पर घुसे मारे और कहा …… या तो गांड मार ले या चुद फाड़ दे. मैंने कहा बकवास बंद कर मैं दोनों ही मारूंगा. हमने एक दूसरे को कसकर पकड़ लिया. पानी ठंडा था. और बदन गर्म. उसने कहा ……. सवार में चुदने का मजा ही कुछ और है. …. आह …….. मान गए …. तू सबसे बड़ा चोद्कड़ है. मैं बस उसकी आँखों में सीधा एकटक देख रहा था. वो कभी मेरा मुंह चाटती और कभी गर्दन कभी दाँत से मेरे कान चबाती. फिर मैंने उसे उल्टा घूमने को कहा और अब की बार सिर्फ बूर ही पीछे से चोदी. थोड़ी देर बाद उसने कहा ……. धीरे-धीरे चोद … नहीं तो मैं झड़ जाऊंगी. मैंने उसके दाँतो के बीच अपनी जीभ डाली और उसका मुंह अपने मुंह से बंद कर दिया. लंड को आहिस्ता-आहिस्ता अंदर बाहर करने लगा.

पर हम दोनों ही बहुत देर तक नहीं रुक पाए क्योंकि हमें चोदा-चोदी करते एक घंटे से भी ऊपर हों गया था हम थक गए और गीले ही जाकर बिस्तर पर लेट के एक दूसरे के ऊपर चढ़ के हलके-हलके पेल का मजा लेने लगे. तू तो बहुत जबरदस्त है कब से पेलवा रही है ही और झड़ी नहीं .मैंने कहा ….तो उसने जवाब दिया की ……ऐसे कैसे कई लड़कों का देखा है सभी का मुझसे पहले ही झड़ा है और तेरा तो पहली दफा है. खुशबू के आने से पहले मैं एक बार मुठ मार चूका था और दुबारा मरने की तैयारी में था. मेरा लंड खड़ा ही हुआ था की तभी वो आ गई थी.

अब  मैंने उसकी दोनों टांग मेरी गांड पर रखने को कहा और कुहनी के बल उसके ऊपर लेट गया और ढंग से 20 मिनट और लंड से पेला. वो पहले 10 मिनट तक तो चीखती रही की पेल … और जोर ….. से पेल ……. खुश कर दे मुझे … तो कल फिर पेल्वाउगी ….. मैंने कहा चिंता मत कर अगर तू नहीं आएगी तो मैं तेरे घर आ जाऊंगा. और सारी रात पेलम-पेल मचेगा. लेकिन अंत में कमीनी मुझसे 5 मिनट पहले झड़ गई और मैंने सच में उसकी चूत पेल-पेल के फाड़ दी. मैं खुद पर काबू नहीं कर पाया और उसकी बूर में ही झड़ गया. पर उसने कुछ नहीं कहा और मुझे उसी रात अपने घर पर बुलाया. वो मेरी बहन के आने तक मेरे साथ बिस्तर पर लेटी रही. और फिर पीछे वाले दरवाजे से चली गई. मैं तैयारी करने लगा.रात में चोदने के लिए जाने की.

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