Monday 18 May 2015

भाभी की चूत का मजा

मेरी भाभी का नाम अंजु है, मैं और मेरी भाभी के बीच उनकी शादी के 3 माह बाद ही बन गया. जब भइया आफिस में मिली अपनी प्रमोशन के बाद काम के चलते अकशर घर से बाहर जाने लगे. और कई बार हफ्तो घर से बाहर रहने लगे. भाभी देवर वाले मजाक तो हमारे बीच पहले भी होते थे. पर उस दिन बात बातों में सेक्स तक पहुँच गई.

भाभी मुझे उकसाने लगी

भाभी – तुम्हारी 2 गर्लफ्रेंड है. दोनों के कैसे मैंनेज करते हो.
मैं – बस ऐसे ही कर लेता हूँ, मैं दो को क्या 3 चार को कर लूँ.
भाभी – सेक्स किया है उनके साथ.
मैं (थोड़ा चौककर फिर सभलकर) हाँ, कई बार.
भाभी-( थोड़ा खिसकर मेरे और पास आ गई.) कितनी बार किया है.
मैं – कई बार किया है, एक बार इसी कमरे में किया है.. इसी बेड पर
भाभी – कैसे किया है. स्टेप बाई स्टेप बताओ. (मेरी जाँघों पर हाथ फेरते हुए)

मैं – ( बोलते हुए ठीक वैसे ही करता भी गया ) बस हम दोनों ऐसे ही बैठे थे जैसे तुम और मैं बैठे है. मैंने धीरे उसकी पीठ पर हाथ फेरा (भाभी मुझसे सट गई) और धीरे से हाथ पिठ पर फेरते हुए उपर ले गया.. दूसरा हाथ उसके चूचे पर ले गया और धीरे से पूरा दबाया. उसने अपना मुंह से आह नीकल गई और मैंने तुरंत उसके मुंह में अपनी जीभ डाल दी. भाभी ने अपना हाथ तुरंत मेरे पैंट पर ले गई और मेरी पैंट की चेन खोल मेरा लंड बाहर निकाल उसे मसलने लगी.

हम दोनों का थूक एक दूसरे के मुंह में जाने-आने लगा. मैंने हाथ धीरे से निचे उसकी जाँघों पर फिराने लगा. उन्होंने अपनी साड़ी उठाकर मेरे हाथों को अपनी चूत तक ले गई. भाभी की चूत काफी गिली थी. उन्होंने कोई अंडरवियर नहीं पहनी थी, और पर भाभी की चूत के बाल गायब थे. थोड़ी देर बाद जब भाभी ने मुंह हटाया,

मैंने आँखें खोली.. तो देखा की उन्होंने अपने ब्लाउज के ऊपर के 3 -4 बटन खोल दिये थे. मैंने झटके में ब्लाउज का दोनों सिरा पकड़ा और खिंचा बटन टूट गए. उन्होंने कोई ब्रा भी नहीं पहनी थी. उनके चूचे काफी गोल बड़े और सही आकार में थे. ऊपर से दूध जैसे गोरे और निप्पल हल्के गुलाबी रंग के थे।

भाभी — भाभी की चूत चाटेगा. इतना कहते हुए वह अपनी साड़ी उतारने लगी। मैंने फटाक से अपना सर्ट उतारा. और और उनकी एक चूचे में मुंह लगा कर उसे चूसने लगा.. आह.. नरम चूचा.. मेरे मुंह में उनका आधा चूचा भी नहीं घूस रहा था. मैं कभी दायें वाले को मुंह लगाता कभी बाएँ वाले को कभी रगड़ता कभी मसलता. इसी बीच भाभी ने मेरी पैंट की बेल्ट और बटन खोल कर मेरी पैंट और अंडरवियर को थोड़ा नीचे खिसका दिया. मैंने चूचों से ध्यान हटाकर देखा तो वह पूरी नंगी हो चूकी थी. मुझे भाभी की चूत देखने में एकदम मस्त लग रही थी.

भाभी –  पैंट उतारकर लेट जाओ.

मैं पैर से पैंट नीचे सरका दी. और लेट गया उन्होंने फटाक से अपने बाल खोले. मुझे हल्का से मुंह पर चाटा. और घूमकर चत मेरी ओर कर दी. और मेरा लंड अपने मुंह में भर लिया.. आह.. एक्सपिरियन्स यानी अनुभवी औरत के साथ सेक्स करने में अपना ही मजा है। मेरी दो गर्लफ्रेंड में से दोनों में से किसी ने मेरा लंड मुंह में इतनी खुशी से नहीं लिया था और ना ही इतने अच्छे ढंग से चूचा था जैसे आज मेरी भाभी चूस रही थी, उन कमीनी ने तो अपनी चूत भी चाटने को देने में हर बार बड़ा ड्रामा करती थी. पर भाभी की चूत को जैसे चलकर मेरे मुंह पर आ गई. मैंने भाभी की चूत को पहले हल्का सा मुंह लगाया. गिले पानी का स्वाद फिका था. पर जोश ऐसा चढ़ा की मैंने अपना पूरी जीभ के साथ-साथ अपना मुंह भी उसमें डाल दिया. नशा बढ़ता गया. और जीभ अंदर तक घूसती गई. मेरा लंड भी पहली बार इतनी अच्छी तरह ब्लोजाब का मजा ले रहा था. रह रह कर भाभी अपनी चूत मेरे मुंह पर मस्त हो रगड़ने लगती. कभी मेरे बाल पकड़कर मुंझे चूत में कसकर सटाती.. भाभी की चूत का ऐसा मजा चढ़ा की मैंने उन्हें अपने मुंह पर अगले 10 मिनट तक बैठाए रखा. थोड़ी देर बाद जब मैंने उन्हें हटाया तो वह मेरी ओर मुड़ी और लंदन ब्रीज सेक्स पोज में मुझे गले लगा मेरे ऊपर लेट गई. मैंने अपना 7.6 इंच सांवला लंड भाभी की चूत में घूसा दिया. और उनके गालों को चाटते हुए उन्हें धीरे धीरे चोदने लगा. कभी वो मुझे चाटती कभी मैं उन्हें. कभी वो मेरे बालों को खिंचते हुए मेरे मुंह में थूकती और उसे फिर जीभ डाल सुरकती और कभी धीरे धीरे सीधे मेरी आंखों में देखते हुए मेरे मुंह के ऊपर अपना थूक गिराती और उसे फिर चाटती. अपने मुंह को मेरे मुंह पर रगड़ती और मैं उनका मुंह चाटता.

लंड धीरे धीरे भाभी की टाइट चूत में अब आराम से अंदर बाहर जाने आने लगा. और मैंने भाभी की चूत को धकाधक चोदना शुरू किया. उन्होंने अपने दोनों होंठ अपने दाँतों से दबा लिए. मैं भी रिलैक्स पोज में लेटकर आँखे बंद कर ली. हम दोनों ही अब आराम से सेक्स के मजे लेने लगे. जब मैं थक जाता तो वह अपनी गांड मेरे ऊपर नीचे कर कुछ देर मुझे चोदती. उनका चूचा मेरे सीने से रगड़ खाता. उन्होंने मुझे गले से इतना कसकर पकड़ रखा था. कि जब वह सांस लेती तो उनका सीना साइड से काफी बाहर निकल आता.

भाभी की चूत की चुदाई का मजा

जब इस पोज में वो मुझे चोदते चोदते थक सी गई तो मैंने उन्हें बिस्तर पर अपनी जगह कमर के बल लिटा दिया, एक टाँग को पेट की तरफ ज्यादा मोड़ा. और दोनों टाँगों में अपनी एक टाँग डाली अपनी दूसरी टाँग उनकी पीठ की तरफ किया. और सशीसौरस ( Scissors sex pose ) में भाभी की चूत के बजाए गांड में अपना लंड घुसाने लगा..

भाभी – गांड थोड़ी देर बाद मार लेना. अभी मेरी बूर में आग लगी है. पहले उसे तो ठंडा करो.

मैंन – गांड से हटाकर लंड उनकी बूर (चूत) में ही दूबारा डाला. और चोदम चोद करने लगा.

उनके मुंह से आह. आह… निकने लगी. थोड़ी देर बाद उन्होंने कहा..

भाभी — तुम बिल्कुल अपने भइया की तरह ही चोदते हो.. एकदम झकास… चोदते रहो..

भइया के साथ भी ऐसे ही मजा आता है..

भाभी.. हाँ,, ऐसा ही एकदम पागल कर देते है.. दीवानी बना दिया

हम दोनों एक दूसरे को देखते हुए हँसने लगते हो..

मैं काफी देर तक उनको उसी तरह चोदता रहा.

काफी देर बाद उनके मुंह से आह आह निकलने लगी.. मुझे लगा की शायद वह झड़ गई है. पर नहीं .

मैंने जैसे जैसे भाभी की चूत में और जोर से धक्का मारता वो पहले से तेज धक्के की माँग करती .. मैंने उन्हें काफी देर धाड़ धाड़ कर चोदा पर अब मुझे लग गया था की मैं झड़ने वाली हूँ.. पर भाभी मुझसे पहले ही झड़ गई.

भाभी. — मेरा निकल गया..

मैं – तो मेरा क्या ??

भाभी — मैं चूस कर निकाल देती हूं.. मेरी चूत में दर्द हो रहा है।

मैंने भाभी की चूत से अपना लंड बड़ा कंट्रोल कर निकाला. और भाभी झटके से लपक कर मेरा लंड अपना मुंह में ले लिया. और तब तक उसे जब तक मैं उनके मुंह में झड़ नहीं गया..

मैंने सोचा की वो मेरा स्पर्म थूक देंगी. पर वह उसे निगल गई.. वो तो बाद में पता चला की भइया ने उन्हें शराब के नशे में जबरदस्ती पीने पर कई बार पीने पर मजबूर किया और धीरे धीरे उन्हें इसकी आदत लग गई.

No comments:

Post a Comment